Tuesday 10 May 2016


आँखों में खाव्ब लिए,
चल रहे हम
कुछ  नशे में जमाना दिखता  है!

दिल में आग लिए ,
खुद को सता रहे हम
हर कोई  बेगाना लगता है !

लवो पे कुछ बात लिए ,
हिचकिचा रहे हम
ये कुछ कहने का इशारा लगता है !

नज़्में आशिक़ी लिए ,
कब तक जिए हम
अब तो बस इज़हारे मोहब्बत का नज़राना मालूम पड़ता है !

उनसे कही दो टुक हमने
फिर भी शर्मा रहैं हैं हम
अब तो ये इंतज़ार के लम्हे मौत के जैसे मालुम पड़ता है !