आँखों में खाव्ब लिए,
चल रहे हम
कुछ नशे में जमाना दिखता है!
दिल में आग लिए ,
खुद को सता रहे हम
हर कोई बेगाना लगता है !
लवो पे कुछ बात लिए ,
हिचकिचा रहे हम
ये कुछ कहने का इशारा लगता है !
नज़्में आशिक़ी लिए ,
कब तक जिए हम
अब तो बस इज़हारे मोहब्बत का नज़राना मालूम पड़ता है !
उनसे कही दो टुक हमने
फिर भी शर्मा रहैं हैं हम
अब तो ये इंतज़ार के लम्हे मौत के जैसे मालुम पड़ता है !
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