Thursday 27 August 2015

बस उनकी याद में।

गमो  का गुलदस्ता लिए चलता हूँ ,
इस बरसात में ।

दिल के टुकड़े संभाले  चलता हूँ,
बस उनकी याद में।
बस उस पलों को संजोता हूँ ,
इस काली रात में।

गमो  का गुलदस्ता लिए चलता हूँ ,
इस बरसात में ।

बस उन मंजर की धुंधली तस्वीर हैं,
हमारी याद में।
सोंचता हूँ यादें मिट जाएंगी,
इस जाम के घुट में।

गमो  का गुलदस्ता लिए चलता हूँ ,
इस बरसात में ।

कोई उनसे भी तो पूछे हमारी यादें मिट जायेगी ,
बस कुछ साल में।
दिल लगी उन्हों ने भी की थी ,
इसी आग  में।

गमो  का गुलदस्ता लिए चलता हूँ ,
इस बरसात में ।

खता ना उनकी न मेरी ,
बस उस प्यार में।
बेबस था जो,
जात के ज़ंजीर में।

गमो  का गुलदस्ता लिए चलता हूँ ,
इस बरसात में ।





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